“Relation between Trees and Us”

एक किसान था उसके दो बेटे हरी और सोनू थे।एक दिन उसकिसान ने अपने दोनों बेटों को बुलाकर उन्हें एक कार्य सौंपा। जिसमें किसान ने कहा कि तुम दोनों आज से प्रतिदिन दो-दो वृक्ष गांव के प्रत्येक क्षेत्र में लगाओगे।यें  वृक्ष भविष्य में तुम्हारी सहायता करेंगे। किसान की इस बात को हरि ने बहुत ही गंभीरता से लेते हुए अपने कार्य को शुरू किया परंतु इसके विपरीत सोनू ने उस बात को गंभीरता से नहीं लिया और इस कार्य को नहीं किया। हरि प्रतिदिन दो-दो वृक्ष लगाता था लेकिन सोनू प्रतिदिन उनमें से एक वृक्ष को नष्ट कर देता था । हरि के बार-बार समझाने पर भी वह नहीं मानता था। तब हरि उन नष्ट किए गए वृक्षों के बदले में 2-2 और नए वृक्ष लगाता था। इस तरह से वे दोनों बड़े हो जाते हैं और अपनी आजीविका के लिए काम भी करने लगते हैं। हरि अपने काम के साथ-साथ पिता द्वारा दिए गए कार्य को भी प्रतिदिन करता था लेकिन अब सोनू जो कि बड़ा हो चुका था बड़े हुए वृक्षों से अधिक धन कमाने की लालच में उन्हें काटकर बेचने लगा । इस पर भी हरि ने उसे बहुत समझाया लेकिन उसने एक ना सुनी। इस तरह से वे दोनों वृद्ध हो गए। सोनू दिन प्रतिदिन बीमार रहने लगा और वह जब अपने इलाज के लिए डॉक्टर के पास गया तो डॉक्टर ने उसे सलाह दी कि आप रोज सुबह उठ कर वृक्षों की ताजी हवा में सैर किया करें जोकि आपके स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक होगी। सोनू डॉक्टर की बात मानकर सुबह वृक्षों की ताजी हवा में सैर करने निकला लेकिन जैसे ही वह वृक्षों के पास पहुंचता वह वृक्ष सुख जाते थे जिससे वह परेशान हो गया साथ ही हरि भी यह देखकर परेशान हो गया। और उसने वृक्षों से पूछा कि आप लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं तब उसमें एक वृक्ष ने कहा हरि तुम बचपन से लेकर आज तक हमारी सेवा करते आए हो लेकिन सोनू ने हमेशा हमें नुकसान पहुंचाया है तो फिर हम उसकी मदद कैसे करें। सोनू यह सुनकर अपने किए पर पछताने लगा। हरि ने कहा हे वृक्षों सोनू की तरफ से मैं आपसे क्षमा मांगता हूं और यह वादा करता हूं कि आज से सोनू भी प्रतिदिन वृक्ष लगाकर उनकी सेवा करेगा। सोनू ने भी इस कार्य को करने के लिए वृक्षों को वचन दिया। तभी वृक्ष फिर से हरे भरे हो गए और सोनू को ताजी हवा देकर उसके स्वास्थ्य को सुधारने में उसकी मदद करने लगे।

Moral of the story is “One should always be friendly with nature”(“प्रकृति के साथ हमेशा मित्रता रखनी चाहिए।”).

By

Mrs. Neelima Dhruv

Teacher

Shivom Vidyapeeth, Raipura

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