आत्मविश्वास और सफलता

आत्मविश्वास का अभिप्राय है – स्वयं पर विश्वास। आत्मविश्वास सफलता की कुंजी है। आत्मविश्वास वह ऊर्जा है जो व्यक्ति को अपनी मार्ग में आने वाली कठिनाइयों पर सफलता प्राप्त करने के लिए साहस प्रदान करती हैं। यह मानव की वह आत्मिक शक्ति है जिसके बल पर व्यक्ति असंभव को भी संभव कर सकता है। जिस तरह व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए तब तक प्रयासरत रहता है जब तक उसे सफलता प्राप्त न हो जाए। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि आत्मविश्वास और सफलता एक-दूसरे के पर्याय हैं।

आत्मविश्वास के साथ कार्य करने वाले व्यक्ति किसी भी परिस्थिति में निराश नहीं होते है। वे असफलता के कारणों को ढूँढकर उनका निदान करके लक्ष्य तक पहुँचते हैं। वे कभी भी दूसरे पर निर्भर नहीं होते। खुद के भरोसे रहकर ही अपने जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं। इसी आत्मविश्वास के बल पर महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को अस्त्र बनाकर स्वतंत्रता संग्राम में अंग्रेजों की विशाल सत्ता से टक्कर ली। इसी गुण के बल पर अब्राहम लिंकन,  मैरी कॉम सुनीता विलियम्स, कल्पना चावला जैसे अनगिनत लोगों ने असंभव को संभव कर दिखाया।

आत्मविश्वास हमारे आंतरिक विश्वास को सुदृढ़ करता है किंतु हमारे मन में अहंकार का भाव नहीं आने देता। जिस व्यक्ति में आत्मविश्वास होता है वह कठिन से कठिन कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहता है, क्योंकि उसके मन में यह भाव होता है कि मैं प्रत्येक कार्य कर सकता हूँ और यही भाव से कार्य में सफलता दिलाता है। आत्मविश्वास के बल पर ही व्यक्ति दिन-रात परिश्रम करके अपने लक्ष्य को पाने का प्रयास करता है और अंत में सफल हो जाता है। आत्मविश्वास के बल पर सफलता प्राप्त करने वाले व्यक्ति का सब गुणगान करते हैं। अतः आवश्यक है कि हम अपने आंतरिक विश्वास को ढूँढे और स्वयं को सुदृढ़ बनाए।

By

Mrs. Smriti Singh

PGT

Shivom Vidyapeeth, Sankra

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